Monkey Kya Khata Hai
Monkey Kya Khata Hai
बंदर वन्य फल, पत्ते, और छोटे-छोटे कीटों को अपना पेट भरने के लिए खाता है। वे फल, अदरक, नट्स, सब्जियाँ, अंडे और अन्य प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का आनंद लेते हैं। बंदर खाने के लिए वृक्षों की ऊँचाई पर चढ़ जाते हैं और अपने अच्छे आहार को प्राप्त करते हैं।
Essay on monkey in Hindi | बंदर पर निबंध
बंदर एक चार पैरों वाला प्राणी है जो अपने अगले पैरों का इस्तेमाल हाथों की तरह करता है। यह प्राणी नकल उतारने में बड़े ही कमाल के होते हैं यदि इन्हें सिखाया जाए तो यह बड़ी ही जल्दी सीख जाते हैं। बंदरों को ज्यादातर पेड़ों पर रहना ज्यादा पसंद होता है क्योंकि पेड़ों पर रहकर ही यह अपना पेट भर लेते हैं।बंदर एक दूसरे से संपर्क बनाने के लिए इशारों का इस्तेमाल करते हैं जब यह अपने साथी बंदर को बुलाते हैं तो कई तरह की आवाज निकाल कर उन्हें बुलाते हैं। बंदरों का मुख्य आहार फल, बीज , फूल और पत्तियां भी होता है। इसके अलावा बंदरों की कई ऐसी प्रजातियां भी है जो कीड़े मकोड़े खा कर अपना पेट भर्ती है। इंसान की तरह बंदरों का भी अपना खुद का परिवार होता है जिसमें वह झुंड बनाकर प्यार से रहते हैं और इस झुण्ड का एक मुखिया बंदर भी होता है जो झुंड की अगुवाई करता है।
मानव का विकास बंदरों से हुआ माना जाता है मनुष्य और बंदर का डीएनए 98 फ़ीसदी मिलता जुलता होता है जिस कारण बंदरों से ही मानव का विकास हुआ माना जाता है।
बंदरों को पालतू बनाया जा सकता है अक्सर आपने मदारियों के पास देखे होंगे जो उन्हें प्रशिक्षित कर बाद में लोगों का मनोरंजन करते हैं आपने बंदरों को कई स्टंट करते हुए देखा होगा। सर्कस में भी बंदरों से कई प्रकार के स्टंट जा खेल करवाए जाते हैं जो लोगों का मनोरंजन करते हैं। बंदर एक ऐसा जानवर है जिसे गिनती करना सिखाया जा सकता है। इस जानवर को शरारती जानवरों की श्रेणियों में रखा गया है इसका स्वभाव बड़ा ही शरारती होता है इसका पता इसी से चलता है कि जब भी कोई बंदर केला खाता है तो वह उसका छिलका उतार कर ही खाता है।
बंदर ज्यादातर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं भारत में हरिद्वार और वृंदावन में सबसे ज्यादा बंदर पाए जाते हैं। बंदर की एक पूंछ होती है जो मुढी होती है। बंदरों को वानर के नाम से भी जाना जाता है और इनमें भगवान हनुमान का रूप भी समझा जाता है। संसार भर में अब इनकी 234 प्रकार की प्रजातियां पाई जाती है। इनकी कुछ प्रजातियां लुप्त हो चुकी है।
बंदरों को साफ सुथरा रहना बहुत पसंद होता है इसलिए अक्सर आपने एक बंदर को दूसरे बंदर के बालों में सफाई करते हुए देखा होगा। यह दांत बड़े नुकीले होते हैं।
आम तौर पर बन्दर लोगों को बहुत ज्यादा तंग करते हैं चाहे फिर वह कोई भी स्थान हो शहर हो गाँव हो जा फिर कोई कस्बा हर तरफ बंदरों की शरारतें देखने को मिल जाती हैं अक्सर यह लोगों की चीज़ें चुराकर भाग जाते हैं।
आप लोगों ने टीवी जा फिर अखबारों में बड़े -बड़े या छोटे बंदरों को देखा जरूर होगा किन्तु दुनिया में बन्दर की एक ऐसी प्रजाति भी पायी जाती है जिसका शरीर हाथ की एक ऊँगली जितना है इस बन्दर का नाम पिग्मी मार्मोसेट है जिसे दुनिया का सबसे छोटे बन्दर होने का दर्जा हासिल हुआ है जो दक्षिण अमेरिका में पाया जाता है इसका कद्द एक छोटी ऊँगली से भी कम बताया गया है बन्दरों की कुछ ऐसी प्रजातियां भी पायी जाती हैं जिनके वारे में वैज्ञानिक भी कुछ ख़ास पता नहीं लगा सकें हैं .
रोचक तथ्य - बंदरों के बारे में एक ख़ास रोचक बात यह है के प्राचीन बंदरों के 32 दांत हुए करते थे जबकि आज के बंदरों के 36 दांत होते हैं .मंद्रिल बन्दर नाम की प्रजाति दुनिया में सबसे बड़े बन्दर की प्रजाति है
हर साल 14 दिसम्बर को बन्दर दिवस के रूप में मनाया जाता है ताकि बंदरों की घटती हुई आबादी को कण्ट्रोल किया जा सके और इनके शिकार पर रोक लगाई जा सके अक्सर किताबों में हमें पढ़ने को मिलता है कि बंदर हमारे पूर्वज थे ऐसा इसलिए बताया गया है क्योंकि वैज्ञानिकों को धरती के अंदर जो कंकाल मिले थे वह कंकाल मनुष्य के कंकाल से बिल्कुल मिलते-जुलते थे और वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि मानव और बंदरों का डीएनए 98% एक दूसरे से मिलता जुलता है बंदर जानवर एक बहुत ही बुद्धिमान और चलाक प्राणी माना गया है यदि इन्हें किसी चीज की ट्रेनिंग दे दी जाए तो वे उसे जल्दी ही सीख लेता है और वह उसे कभी नहीं भूलता बंदरों और इंसानों से जुडी एक रोचक बात यह है कि जैसे इंसानों को रात के समय साफ दिखाई नहीं देता है वैसे ही बंदरों को भी रात के समय सही दिखाई नहीं देता आपको यह जानकर भी आश्चर्य होगा कि जापान में एक ऐसा रेस्टोरेंट बना है जिसके अंदर बंदर मानव की तरह काम करते हैं। वह वहां आने वाले लोगों के लिए खाना परोसते हैं, अफ्रीका और चीन दो ऐसे देश है जहां पर इन जानवरों का मांस खाया और बेचा भी जाता है।
जितने भी प्राणी इस पृथ्वी पर पाए जाते हैं वह अपने शरीर वालों , दांतो और दूसरे अंगों को अलग-अलग ढंग से साफ करते हैं इसके लिए कुछ प्राणी अपने हाथों पैरों का प्रयोग करते हुए देखे गए हैं तो कुछ जानवर अपनी लंबी जीभ निकालकर अपने दांतो और अपने चेहरे के आसपास की जगह को साफ करते हैं। बंदर को दुनिया भर के चालाक और शरारती जानवरों की श्रेणी में रखा गया है यदि इन्हें कोई तंग करता है तो यह बहुत जल्दी गुस्सा भी हो जाते हैं और वह उसे काट भी सकते हैं।
वैज्ञानिकों की एक शोध के अनुसार यह पता चलता है कि संसार भर में इन प्राणियों की ढाई सौ से भी ज्यादा प्रजातियां देखने को मिलती है जो अपने रंग और स्वभाव से एक दूसरे से बिल्कुल अलग है।
भारत देश में बंदर को भगवान हनुमान जी का प्रतीक माना गया है किसी भी प्रकार का वृक्ष हो और चाहे वह कितना ही पतला क्यों ना हो यह जीव बड़ी ही सरलता से इस पर छलांग लगाकर चढ़ सकते हैं और वृक्ष की बहुत छोटी सी छोटी टहनी से यह आसानी से छलांग लगा सकते हैं।
बंदर पर निबंध | Monkey essay in Hindi 500 words
बंदर पृथ्वी पर पाया जाने वाला एक ऐसा प्राणी है जो आपने शरारती स्वभाव और शरीर के बनावट की वजह से जाना जाता है। बंदर एक ऐसा प्राणी है जो एक जगह से दूसरी जगह पर बड़ी आसानी से कूद सकता है। बंदर जंगलों और निवास स्थानों पर रहने वाला जानवर है बंदर को आसानी से पालतू बनाया जा सकता है। यह जानवर बुद्धिमान जानवरों की श्रेणी में भी गिना जाता है क्योंकि यह किसी भी बात को बड़ी ही जल्दी सीख जाता है जल्दी से प्रशिक्षण दिया जाए तुझे बड़ी जल्दी से उस चीज की नकल उतारने लगता है।बंदर संसार भर में पाया जाता है चाहे वह एशियाई या फिर अफ्रीका हो। आज के बंदर अफ्रीका के बंदरों और एशिया के बंदरों से कुछ भिन्न है पुराने समय के बंदरों के 32 दांत होते थे जबकि आज के नवीन बंदरों के दांत छत्तीस होते हैं। ज्यादातर बंदरों को पहाड़ों और जंगलों में देखा जाता है किंतु यह खाने की तलाश में शहरों और गांवों में भी घुस जाते हैं जहां पर यह खूब तांडव मचाते हैं और लोगों को भी तंग करते हैं लोगों की यह वस्तुएं चुरा कर भाग जाते हैं जिस कारण लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और इनसे बचकर भी रहना पड़ता है। कभी-कभी तुझे लोगों के घर में घुसकर खाना चुरा लेते हैं।
बंदरों का मुख्य आहार फल, फूल , बीज और पत्ती आदि होता है। यह जानवर एक शाकाहारी जानवरों की श्रेणी में आता है कि यह कीड़े मकोड़ों को भी खा जाता है। इसीलिए इसे सर्वाहरी भी कहा जा सकता है। बंदरों की कुछ ऐसी प्रजातियां भी है जो मांसाहारी होती है और वह मांस पर ही निर्भर रहती है। अब तक बंदरों की ढाई सौ से भी ज्यादा प्रजातियां का पता लगाया जा चुका है।
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